नागपुरी भाषा का परिचय, Nagpuri Bhasha ka Parichay
झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषा - नागपुरी भाषा का परिचय, Nagpuri Bhasha ka Parichay
झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषा नागपुरी भाषा परिचय हिन्दी में जानिये :
नागपुरी भाषा का परिचय, Nagpuri Bhasha ka Parichay |
झारखण्ड की क्षेत्रीय भाषा नागपुरी भाषा का परिचय
झारखण्ड में ' जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा ' के अन्तर्गत कुल 9 भाषाओं को मान्यता दी गई है । इन भाषाओं को दो श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है :
( i ) जनजातीय भाषा- संताली , मुण्डारी , हो , खड़िया तथा कुडूख
( ii ) क्षेत्रीय भाषा - नागपुरी , कुरमाली , खोरठा तथा पंचपरगनिया ।
नागपुरी दक्षिणी झारखण्ड की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली मधुर भाषा है । झारखण्ड राज्य की पहली भाषा के रूप में इसकी गिनती होती है । प्राचीन नागपुरी का अनुमान काल आठवीं से ग्यारहवीं शताब्दी माना गया है । जबकि आधुनिक नागपुरी का उद्भव काल 14 वीं से 16 वीं शताब्दी माना गया है । नागपुरी भाषा में कोमल , मधुर , सरल ध्वनि की प्रधानता है । नागपुरी सांस्कृतिक आधार से मैदानी संस्कृति से एकदम अलग है । नागपुरी में सीमा पार के भाषाओं के प्रभाव के साथ - साथ झारखण्डी भाषाओं का भी थोड़ा - मोड़ा प्रभाव हुआ है और इन सभी भाषाओं को नागपुरी प्रभावित भी किया है । जिससे नागपुरी की प्रकृति थोड़ा अलग हो गया है । नागपुरी में मद्रासी और छत्तीसगढ़ी का भी प्रभाव देखने को मिलता है ।
खड़ी बोली हिन्दी की तरह ही नागपुरी भाषा के भी कुछ व्याकरणिक पहलू हैं । विगत् लगभग ढेड सौ वर्षों में नागपुरी भाषा में कई शोध हुए हैं जिनसे ' नागपुरी भाषा व्याकरण ' की रचना हुई है ।
नागपुरी भाषा को कैसे सीखें और इस भाषा के विभिन्न परीक्षाओं में कैसे अधिक अंक र्जित करें , इसके लिए निम्नांकित तथ्य आपके मार्गदर्शक होंगे :
भाषा क्या है ?
सामान्य रूप से ' भाषा ' उन सभी माध्यमों का बोध कराती है जिनके द्वारा एक व्यक्ति अपने भावों एवं विचारों का आदान - प्रदान दूसरे व्यक्ति से करते हैं । भाषा शब्द ' भाष् ' धातु से उत्पन्न हुई है जिसका अर्थ है- ' व्यक्त वाणी ' । अतः उच्चारित ध्वनि संकेतों की सहायता से भाव या विचार की पूर्ण अभिव्यक्ति भाषा है ।
सम्पूर्ण विश्व में लगभग 3000 भाषाएँ बोली जाती हैं । जिनमें सिर्फ भारत में 1618 भाषाएँ बोली जाती है । इन सभी भाषाओं को मुख्यतः 18 भाषा परिवार में रखा गया है । भारत में बोली जाने वाली प्रायः सभी भाषाएँ ' भारोपीय परिवार ' एवं ' द्रविड़ परिवार ' की भाषाएँ हैं । भारोपीय परिवार में हिन्दी सहित नागपुरी एवं अन्य भाषाओं को रखा गया है । दक्षिण भारत की भाषाएँ • द्रविड़ परिवार की हैं , इस परिवार में जनजातीय भाषाओं को भी रखा गया है । नागपुरी आर्य भाषा परिवार की एक क्षेत्रीय भाषा है ।
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