बिंदुसार की जीवनी, bindusar ki jivani
बिंदुसार की जीवनी हिन्दी में जानिये
चन्द्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी बिन्दुसार हुआ , जो 298 ईसा पूर्व में मगध की राजगद्दी पर बैठा. अमित्रघात के नाम से बिन्दुसार जाना जाता है.
बिन्दुसार का जीवन परिचय : बिन्दुसार कौन था जानेंगे ?
बिंदुसार की जीवनी इन हिन्दी
आज मैं आपको बिन्दुसार का जीवन से जुड़े कुछ तथ्य बताने वाला हूँ, जो बहुत से प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
बिंदुसार की जीवनी bindusar ki jivani |
बिंदुसार की जीवनी इन हिन्दी bindusar ki jivani in hindi
बिन्दुसार का जीवन परिचय : बिन्दुसार कौन था? बिंदुसार की जीवनी
- चन्द्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी बिन्दुसार हुआ ,
- जो 298 ईसा पूर्व में मगध की राजगद्दी पर बैठा ।
- अमित्रघात के नाम से बिन्दुसार जाना जाता है ।
- अमित्रघात का अर्थ है - शत्रु विनाशक ।
- बिन्दुसार आजीवक सम्प्रदाय का अनुयायी था ।
- ‘ वायुपुराण ' में बिन्दुसार को भद्रसार ( या वारिसार ) कहा गया है।
- स्ट्रैबो के अनुसार सीरियन नरेश एण्टियोकस ने बिन्दुसार के दरबार में डाइमेकस नामक राजदूत भेजा ।
- इसे ही मेगस्थनीज का उत्तराधिकारी माना जाता है ।
- जैन ग्रंथों में बिन्दुसार को सिंहसेन कहा गया है ।
- बिन्दुसार के शासनकाल में तक्षशिला ( सिन्धु एवं झेलम नदी के बीच ) में हुए दो विद्रोहों का वर्णन है ।
- इस विद्रोह को दबाने के लिए बिन्दुसार ने पहले सुसीम को और बाद में अशोक को भेजा ।
- एथीनियस के अनुसार बिन्दुसार ने सीरिया के शासक एण्टियोकस -1 से मदिरा , सूखे अंजीर एवं एक दार्शनिक भेजने की प्रार्थना की थी ।
- बौद्ध विद्वान् तारानाथ ने बिन्दुसार को 16 राज्यों का विजेता बताया है ।
बिन्दुसार का जीवन परिचय : बिन्दुसार कौन था? बिंदुसार की जीवनी
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