क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई

क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई

Kyon Mig 21 fighter jets ko Aakhiri vidai Di gai , mig 21 Vimaano ko Vidai Kyon Di gai

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क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई

मिग-21 विमानों को भारतीय वायुसेना ने बीते 11 दिसंबर को कलाईकुंडा स्थित सैन्य हवाई अड्डे पर आखिरी विदाई दी. अगले एक दशक के बाद मिग-21 बायसन विमानों को भी रिटायर किया जाना है. मिग-21 विमानों ने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 में अहम भूमिका अदा की थी. कई सैन्य अभियानों में भी इनकी भूमिका निर्णायक साबित हुई. कई तरह के हादसों के कारण मिग-21 को वायु सेना से रिटायर करने का फैसला किया गया. 

• सोवियत संघ के मिग-21 का आकर्षक ऑफर भारतीय जरूरतों के हिसाब से बेहतर था, क्योंकि उसमें टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के साथ स्थानीय स्तर पर निर्माण के लाइसेंस का भी प्रावधान था. उस समझौते के साथ-साथ शीत युद्ध के उस दौर में भारत का झुकाव भी सोवियत ब्लॉक की तरफ बढ़ता गया. 

• एक मिग-21 का निर्माण 3.5 करोड़ रुपये में हो जाता था, जबकि इसकी तुलना में मिराज-2000 या जगुआर लड़ाकू विमान की निर्माण लागत कम से कम इससे 10 गुना ज्यादा थी. 

• मिग-21 की शुरुआत करने के बाद वायुसेना ने मिग- 23, मिग-25 (टोह लेने में माहिर), मिग-27 (मीडियम रेंज स्ट्राइक) और मिग-29 (एयर डिफेंस) को शामिल किया.

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