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एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या है और एयरोनॉटिकल इंजीनियर कैसे बनें ?

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बचपन में जब भी आप आसमान में उड़ते हुए हवाई जहाज को देखते थे. तो इस प्लेन को देखकर आपके मन में भी उस पर बैठने की इच्छा जागी होगी. और जरूर सोचा होगा कि बड़े होने पर मैं भी प्लेन पर बैठ कर आसमान में उडूंगा. और अब क्योंकि आप बड़े हो चुके हो तो आप उस प्लेन के बारे में बहुत कुछ जानते होंगे. और उसके बारे में और अधिक जानने की कोशिश करते होंगे. और आपको इस फील्ड में जाना पसंद है. अगर ऐसा है तो आप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में करियर बना सकते हैं. Aeronautical Engineering क्या है ? एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स के तहत आप स्पेस, रिसर्च, नागरिक उड्डयन, डिफेंस टेक्नोलॉजी इत्यादि के छेत्र में नई तकनीक का विकास किया जाता है. एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का यह छेत्र विकास, निर्माण, मिलिट्री एयरक्राफ्ट के पुर्जों के साथ-साथ अंतरिक्ष यानों,डिजाइनिंग,परीक्षण,अंतरिक्ष यानों, उपग्रहों और मिसाइलों के विकास से भी संबंधित है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कैसे बनें (Aeronautical Engineering kaise bane) अभी के समय में हमें हर एक फील्ड में इंजीनियरर्स की ज़रूरत होती है क्योंकि वे किसी भी टेक्निकल चीज की खराबी को ठीक कर देते हैं। ज...

सम्राट अशोक इन हिंदी, samrat ashok in hindi

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सम्राट अशोक इन हिंदी : जीवन परिचय सम्राट अशोक इन हिंदी सम्राट अशोक इन हिंदी samrat ashok in hindi सम्राट अशोक इन हिंदी samrat ashok in hindi सम्राट अशोक इन हिंदी सम्राट अशोक की जीवनी हिन्दी में जानिये बिन्दुसार का उत्तराधिकारी अशोक महान हुआ जो 269 ईसा पूर्व में मगध की राजगद्दी पर बैठा । राजगद्दी पर बैठने के समय अशोक अवन्ति का राज्यपाल था । मास्की एवं गुर्जरा अभिलेख में अशोक का नाम अशोक मिलता है । पुराणों में अशोक को अशोकवर्धन कहा गया है । अशोक अपने अभिषेक के 8 वें वर्ष लगभग 261 ईसा पूर्व में कलिंग पर आक्रमण किया और कलिंग की राजधानी तोसली पर अधिकार कर लिया । “ प्लिनी का कथन है कि मिस्र का राजा फिलाडेल्फस [ टॉलमी II ] ने पाटलिपुत्र डियानीसियस नाम का एक राजदूत भेजा था । ( अशोक के दरबार में ) उपगुप्त नामक बौद्ध भिक्षु ने अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी । अशोक ने आजीवकों को रहने हेतु बराबर की पहाड़ियों में चार गुफाओं का निर्माण करवाया , जिनका नाम कर्ज , चोपार , सुदामा तथा विश्व झोपड़ी था । अशोक के पौत्र दशरथ ने आजीविकों को नागार्जुन गुफा प्रदान की थी । अशोक के 7 वें स्तम्भ लेख में आजीविकों क...

मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, Maurya samrajya in Hindi

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मौर्य साम्राज्य इन हिंदी मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य का इतिहास , मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य नोट्स, मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था   मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था. मौर्य साम्राज्य का इतिहास maurya samrajya in hindi मौर्य साम्राज्य का इतिहास मौर्य साम्राज्य इन हिंदी मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य नोट्स, मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था । जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोटूटस कहा है , जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है। विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृष ( आशय - निम्न कुल में उत्पन्न ) शब्द का प्रयोग किया गया. घनानंद को हराने में चाणक्य ( कौटिल्य / विष्णुगुप्त ) ने चन्द्रगुप्त मौर्य की मदद की थी , जो बाद में चन्द्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना ।  इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है , जिसका संबंध राजनीति से...

सिकन्दर कौन था इन हिन्दी sikandar kaun tha in hindi

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इतिहास में सिकंदर कौन था ? सिकंदर कौन था इन हिन्दी सिकंदर का जन्म 356 ईसा पूर्व में हुआ. सिकंदर  के पिता का नाम फिलिप था.  फिलिप 359 ईसा पूर्व में मकदूनिया का शासक बना.  सिकन्दर कौन था, sikandar kaun tha , sikandar kaun tha in hindi सिकन्दर कौन था इन हिन्दी sikandar kaun tha in hindi  सिकन्दर कौन था इन हिन्दी sikandar kaun tha in hindi  सिकन्दर कौन था हिन्दी में जानिये सिकन्दर का जन्म 356 ईसा पूर्व में हुआ ।  सिकन्दर के पिता का नाम फिलिप था ।  फिलिप 359 ईसा पूर्व में मकदूनिया का शासक बना | सिकंदर की हत्या 329 ईसा पूर्व में कर दी गयी ।  सिकन्दर अरस्तू का शिष्य था ।  सिकन्दर ने भारत - विजय का अभियान 326 ईसा पूर्व में प्रारंभ किया ।  सिकन्दर का सेनापति सेल्यूकस निकेटर था ।  सिकन्दर को पंजाब के शासक पोरस के साथ युद्ध करना पड़ा , जिसे हाइडेस्पीज के युद्ध या झेलम ( वितस्ता ) का युद्ध के नाम से जाना जाता है ।  सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी के पश्चिमी तट पर पहुँचकर उसे पार करने से इन्कार कर दिया ।  सिकन्दर स्थल मार्ग द्वारा 325 ईसा...

ईसाई धर्म किसे कहते हैं, isai dharm kise kahate hain

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ईसाई धर्म किसे कहते हैं हिन्दी में जानिये ईसाई धर्म ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह को माना जाता है. ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ है बाइबिल. ईसा मसीह का जन्म जेरुशेलम के निकट बैथलेहम नामक स्थान पर हुआ था. ईसाई धर्म किसे कहते हैं इन हिन्दी, isai dharm kise kahate hain in hindi ईसाई धर्म किसे कहते हैं isai dharm kise kahate hain  ईसाई धर्म किसे कहते हैं isai dharm kise kahate hain  आइये जानते हैं ईसाई धर्म किसे कहते हैं और ईसाई धर्म के बारे में कुछ रोचक तथ्य : ईसाई धर्म ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह को माना जाता है | ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ है— बाइबिल ।  ईसा मसीह का जन्म जेरुशेलम के निकट बैथलेहम नामक स्थान पर हुआ था ।  ईसा के जन्म - दिवस को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है । ईसा मसीह के माता का नाम मेरी और पिता का नाम जोसेफ है । ईसा ने अपने जीवन के प्रथम 30 वर्ष एक बढ़ई के रूप में बैथलेहम के निकट नाज़रेथ में बिताए । ईसा मसीह के प्रथम दो शिष्य थे - एंड्रस एवं पीटर ईसा मसीह को सूली पर रोमन गवर्नर पोंटियस ने चढ़ाया । ईसा मसीह को 33 ई . में सूली पर चढ़ाया गया । ईसाई धर्म का...

मगध राज्य का उत्कर्ष, magadh rajya ka utkarsh

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मगध राज्य का उत्कर्ष इन हिन्दी मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ था. इसकी राजधानी गिरिब्रज ( राजगृह ) थी. जरासंध बृहद्रथ का पुत्र था ।  Magadh Rajya Ka Utkarsh , Magadh Rajya Ka Utkarsh in Hindi , Magadh Rajya Ka Utkarsh Hindi mein janiye , Magadh Rajya Ka Utkarsh Hindi mein magadh rajya ka utkarsh मगध राज्य का उत्कर्ष मगध राज्य का उत्कर्ष :  मगध राज्य का उत्कर्ष हिन्दी में जानिये मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक बृहद्रथ था ।  इसकी राजधानी गिरिब्रज ( राजगृह ) थी ।  जरासंध बृहद्रथ का पुत्र था ।  हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार मगध की गद्दी पर 544 ईसा पूर्व ( बौद्ध ग्रंथों के अनुसार ) में बैठा था । वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था । यह प्रथम भारतीय राजा था जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर बल दिया ।  बिम्बिसार ने ब्रह्मदत्त को हराकर अंग राज्य को मगध में मिला लिया ।  बिम्बिसार ने राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया ।  बिम्बिसार ने मगध पर करीब 52 वर्षों तक शासन किया ।  महात्मा बुद्ध की सेवा में बिम्बिसार ने राजवैद्य जीवक को भेजा । ...

नागपुरी भाषा का क्षेत्रीय प्रसार, nagpuri bhasha ka chetriya prasar

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नागपुरी भाषा का क्षेत्रीय प्रसार नागपुरी मुख्यत: राँची जिले की बोली है, किन्तु इसका क्षेत्र न केवल छोटानागपुर के शेष जिलों, अपितु मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं पश्चिमी बांगल के में कुछ भागों तक विस्तृत है। नागपुरी भाषा का क्षेत्रीय प्रसार, nagpuri bhasha ka chetriya prasar नागपुरी भाषा का क्षेत्रीय प्रसार nagpuri bhasha ka chetriya prasar नागपुरी भाषा का क्षेत्रीय प्रसार : नागपुरी मुख्यत: राँची जिले की बोली है, किन्तु इसका क्षेत्र न केवल छोटानागपुर के शेष जिलों, अपितु मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं पश्चिमी बांगल के में कुछ भागों तक विस्तृत है। हजारीबाग के अधिकांश दक्षिणी भागों में नागपुरी के प्रभाव अत्यन्त स्पष्ट है। इसके (पलामू के) पश्चिम में भोजपुरी और उतर में मगही अतउ' 'जतउ' वाली का रंग चढ़ता जाता है। किन्तु पलामू की जो ठेठ बोली है- बोली- वह नागपुरी से बहुत भिन्न नहीं है।  इस दृष्टि से पलामू को मूलतः नागपुर का क्षेत्र माना जा सकता है। मानभूम-सिंहभूम के पश्चिमी भागों में बंगला प्रभावपन नागपुरी बोली जाती है। इसे ही 'पंचपरगनिया' कहा जाता है। यह बोली राहे, बंड है तमाड़, सोनाहातु, स...

नागपुरी और भोजपुरी का पृथक्करण, nagpuri aur bhojpuri bhasha ka prithakkaran

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नागपुरी और भोजपुरी भाषा का पृथक्करण नागपुरी भाषा के व्याकरण की कतिपय विशषताओं को देखकर भोजपुरी आदि भाषाओं से उसकी पृथक्ता को और भी आसानी से समझा जा सकता ऐसी भेदक विशेषताएँ संकेतिक हैं:  नागपुरी और भोजपुरी का पृथक्करण, nagpuri aur bhojpuri bhasha ka prithakkaran नागपुरी और भोजपुरी का पृथक्करण nagpuri aur bhojpuri bhasha ka prithakkaran नागपुरी और भोजपुरी भाषा का पृथक्करण हिन्दी में नागपुरी भाषा के व्याकरण की कतिपय विशषताओं को देखकर भोजपुरी आदि भाषाओं से उसकी पृथक्ता को और भी आसानी से समझा जा सकता ऐसी भेदक विशेषताएँ संकेतिक हैं:  (क) भोजपुरी एवं नागपुरी का ध्वनिगत अन्तर अत्यन्त प्रखर और स्पष्ट है। उदाहरणार्थ, भोजपुरी पदों के मध्य में आने वाले व्यंजनों के साथ 'अ' ध्वनि का के प्रायः उच्चारण होता है, किन्तु नागपुरी-गद्य में नहीं।  (ख) पश्चिमी हिन्दी- शब्दों के आरम्भ में आनेवाले 'य', 'व' भोजपुरा में 'ए', 'ओ' या 'एह', 'ओह' में, किन्तु नागपुरी में 'ई', 'ऊ', या 'इकर' 'उकर' में परिणत होते हैं।  (ग) नागपुरी मे...

नागपुरी भाषा और साहित्य का विकास, nagpuri bhasha aur sahitya ka vikas in hindi

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नागपुरी भाषा और साहित्य का विकास छोटानागपुर की एक आदिवासी - भिन्न संस्कृति भी है जिसे  नागपुरी ,  नगपुरिया ,  सदानी ,  सदरी  कहा जाता है । यह संस्कृति आर्य अर्द्ध - आर्य एवं आदिवासी तत्वों के विरल संयोग से निप्पन्न हुई है ।  नागपुरी भाषा और साहित्य का विकास, nagpuri bhasha aur sahitya ka vikas in hindi नागपुरी भाषा और साहित्य का विकास nagpuri bhasha aur sahitya ka vikas in hindi नागपुरी भाषा और साहित्य कर विकास हिन्दी में जानिये ' नागपुरी ' शब्द इसका सम्बन्ध नाग - जाति ( नागवंशी ) से जोड़ता हुआ दीखता है और छोटानागपुर के नागवंशी अपनी उत्पत्ति - कथा को जनमेजय के नागयज्ञ से शुरू करते हैं । दूसरा मत पीटर शान्ति नवरंगी का है । वे ' सदानी ' शब्द के आधार पर सदानी भाषा - संस्कृति को निषादों से उत्पन्न सम्पद् होने का अनुमान करते हैं । डॉ . त्रिदेव के मतानुसार तो यह संस्कृति और भी प्राचीन सिद्ध की जा सकती है । योगेन्द्रनाथ तिवारी इसका सम्बन्ध असुरों से जोड़ते हैं ।  नागपुरी भाषा - कला छोटानागपुर की इसी संस्कृति की अभिशप्त है । जब वह अपने उपास्य के अनुचिन्तन म...

क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई

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क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई Kyon Mig 21 fighter jets ko Aakhiri vidai Di gai , mig 21 Vimaano ko Vidai Kyon Di gai क्या है Mig-21 fighter jets की आखिरी विदाई • मिग-21 विमानों को भारतीय वायुसेना ने बीते 11 दिसंबर को कलाईकुंडा स्थित सैन्य हवाई अड्डे पर आखिरी विदाई दी. अगले एक दशक के बाद मिग-21 बायसन विमानों को भी रिटायर किया जाना है. मिग-21 विमानों ने पाकिस्तान के खिलाफ 1965 और 1971 में अहम भूमिका अदा की थी. कई सैन्य अभियानों में भी इनकी भूमिका निर्णायक साबित हुई. कई तरह के हादसों के कारण मिग-21 को वायु सेना से रिटायर करने का फैसला किया गया.  • सोवियत संघ के मिग-21 का आकर्षक ऑफर भारतीय जरूरतों के हिसाब से बेहतर था, क्योंकि उसमें टेक्नोलॉजी के हस्तांतरण के साथ स्थानीय स्तर पर निर्माण के लाइसेंस का भी प्रावधान था. उस समझौते के साथ-साथ शीत युद्ध के उस दौर में भारत का झुकाव भी सोवियत ब्लॉक की तरफ बढ़ता गया.  • एक मिग-21 का निर्माण 3.5 करोड़ रुपये में हो जाता था, जबकि इसकी तुलना में मिराज-2000 या जगुआर लड़ाकू विमान की निर्माण लागत कम से कम इससे 10 गुना ज्यादा थी....

बीटेक में बैक लग गया है, प्लेसमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं होगी?

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बीटेक के दौरान एक वर्ष में बैक लग गया है. साथ ही 12वीं के बाद दो वर्षों का गैप भी है. इससे मुझे प्लेसमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं होगी? क्या करना चाहिए? मुझे बीटेक की पढ़ाई जारी रखनी चाहिए या नहीं? Q.  बीटेक के दौरान एक वर्ष में बैक लग गया है. साथ ही 12वीं के बाद दो वर्षों का गैप भी है. इससे मुझे प्लेसमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत तो नहीं होगी? क्या करना चाहिए? मुझे बीटेक की पढ़ाई जारी रखनी चाहिए या नहीं? जवाब :  बड़ी कंपनियां इन चीजों पर गौर करती हैं और सिर्फ साफ -सुथरे इंजीनियरों को इंटरव्यू और सेलेक्शन प्रोसेस में लेती हैं. जबकि बहुत सी छोटी और मीडियम कंपनियां आपकी काबिलियत और कम्युनिकेशन स्किल पहले देखती हैं, उसके बाद कुछ और. अगर आप अपना इरादा मजबूत करके पूरी मेहनत से जुट जायेंगे, तो आगे बेहतर कर सकते हैं. ऐसा देखा गया है कि इस तरह कि स्थितियों के बाद विद्यार्थी आगे पढ़ाई में अच्छा करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं.

12वीं के बाद फार्मेसी और एमबीए डुएल डिग्री कोर्स करना कैसा है : संभावनाएं , कॉलेज और यूनिवर्सिटी

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12वीं के बाद फार्मेसी और एमबीए डुएल डिग्री कोर्स करना कैसा है ? तथा इस क्षेत्र में क्या संभावनाएं हैं ? और इसे कौन से कॉलेज और यूनिवर्सिटी से करना उचित होगा?  12वीं के बाद फार्मेसी और एमबीए डुएल डिग्री कोर्स करना कैसा है?  Q.  सवाल / Doubt No. 3 : मैं 12वीं में हूं. आगे चल कर फार्मेसी और एमबीए ड्यूअल डिग्री कोर्स करना चाहता हूं. इस कोर्स की संभावनाओं के बारे में बताएं? साथ ही यह भी बताएं कि यह कोर्स किस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में होता है? जवाब :  फार्मेसी और एमबीए ड्यूअल डिग्री कोर्स पांच या छह वर्ष का कोर्स है. इसे पास करने के बाद आप हेल्थ केयर सेक्टर, फर्माक्यूटिकल सेक्टर, रिसर्च आदि में कैरियर बनाने में मदद मिलेगी. अगर आपकी दिलचस्पी है, तो इन क्षेत्रों में आप ये कोर्स कर सकते हैं. दाखिले के लिए आपकी 12वीं में कम से कम 50 फीसदी अंक होना जरूरी है. आपके अंक जितने ज्यादा होंगे, आपको दाखिला मिलने में उतनी आसानी होगी, क्योंकि मेरिट में अंक काम आयेंगे, तो  प्रवेश में मुश्किल होगी. क्योंकि सीटें सीमित होती हैं. इनके लिए नारसी मोन्सी इंस्टीट्यूट, मुंबई में पांच वर्ष का ...

इंजीनियरिंग करना चाहता हूं, लेकिन मैं जेइइ पास नहीं कर सका, कुछ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में बताएं

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मैंने 2013 में साइंस स्ट्रीम से 64.2 फीसदी अंकों से 12वीं पास की है. इंजीनियरिंग करना चाहता हूं, लेकिन मैं जेइइ पास नहीं कर सका. पर इंजीनियर बनने का सपना पूरा करना चाहता हूं. कुछ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में बताएं , जिनका प्लेसमेंट रिकॉर्ड अच्छा हो, उनकी कितनी फीस है, यह भी बताएं??  Q.) मैंने 2013 में साइंस स्ट्रीम से 64.2 फीसदी अंकों से  12वीं पास की है. इंजीनियरिंग करना चाहता हूं, लेकिन मैं जेइइ पास नहीं कर सका. पर इंजीनियर बनने का सपना पूरा करना चाहता हूं. कुछ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेजों के बारे में बताएं, जिनका प्लेसमेंट रिकॉर्ड अच्छा हो, उनकी कितनी फीस है, यह भी बताएं? जवाब : अगर आप जेइइ पास नहीं कर  पाये हैं, तो भी आपको प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश मिलसकता है. अपने आस-पास के इंजीनियरिंग कॉलेजों  के विद्यार्थियों से बात करके पता करें कि वहां पढ़ाई  के लिए फैकल्टी कैसी है, प्लेसमेंट कैसा है.  इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के बारे में भी पता करें. रही बात  फीस की, तो प्राइवेट कॉलेजों की फीस सालाना 50  हजार से एक लाख र...

क्या बीसीए और एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं ?

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बीसीए और एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं क्या?  पूछा गया सवाल / Question No. 01 : क्या बीसीए और एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं ? Q.) बीसीए और एमसीए करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं ? जवाब : बीसीए और एमसीए करने के बाद आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं , क्योंकि ये दोनों डिग्री कंप्यूटर अप्लीकेशंस के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री है . इनको पास करने के बाद आप कंप्यूटर के क्षेत्र में कैरियर बना सकते हैं . 

अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय, ashok ke pramukh shilaalekh evam unmen varnit vishay

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अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय, ashok ke pramukh shilaalekh evam unmen varnit vishay अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय के बारे में जानिये?  पहला शिलालेख :   इसमें पशुबलि की निंदा की गयी है ।  दूसरा शिलालेख : इसमें अशोक ने मनुष्य एवं पशु दोनों की चिकित्सा व्यवस्था का उल्लेख किया है ।  तीसरा शिलालेख :  इसमें राजकीय अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे हर पाँचवें वर्ष के उपरान्त दौरे पर जाएँ । इस शिलालेख में कुछ धार्मिक नियमों का भी उल्लेख किया गया है ।  चौथा शिलालेख :  इस अभिलेख में भेरीघोष की जगह धम्मघोष की घोषणा की गयी है ।  पाँचवाँ शिलालेख :   इस शिलालेख में धर्म - महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी मिलती है ।  छठा शिलालेख :   इसमें आत्म - नियंत्रण की शिक्षा दी गयी है । सातवाँ एवं आठवाँ शिलालेख :   इनमें अशोक की तीर्थ यात्राओं का उल्लेख किया शिलालेख गया है ।  नौवाँ शिलालेख :   इसमें सच्ची भेंट तथा सच्चे शिष्टाचार का उल्लेख किया गया है ।  style="text-align: left;"> दसवाँ शिलाल...

इस्लाम धर्म के बारे में हिन्दी में जानिए, islam dharm ke bare mein hindi mein janiye

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इस्लाम धर्म को हिन्दी में जानिए, इस्लाम धर्म को जानिये हिन्दी में, islam dharm ko hindi mein janiye इस्लाम धर्म के बारे में हिन्दी में जानिए , इस्लाम धर्म को जानिये हिन्दी में, islam dharm ko hindi mein janiye इस्लाम धर्म के बारे में हिन्दी में जानिए, islam dharm ke bare mein hindi mein janiye इस्लाम धर्म के बारे में हिन्दी में जानिए :  कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है ।   इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब थे ।  पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म 570 ई . में मक्का में हुआ था ।  पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्ला और माता का नाम आमीना था ।  हजरत मुहम्मद साहब को 610 ई . में मक्का के पास गारे हीरा नामक गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई ।  24 सितम्बर , 622 ई . को पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत् ( हिजरी संवत् ) के नाम से जाना जाता है ।  हजरत मुहम्मद साहब की शादी 25 वर्ष की अवस्था में खदीजा नामक बेवा (विधवा) के साथ हुई । पैगम्बर हजरत मुहम्मद की प्य...

भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई और कहाँ हुई ? Mahatma Buddh ko Gyan ki Prapti kab aur kahan Hui

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दोस्तों आज के इस पोस्ट की मदद से मैं आपको भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े  समान्य ज्ञान  के कुछ प्रशन का जवाब बताने वाला हूँ जो बहुत से प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।  bhagwan buddha ko gyaan ki prapti kahan hui ? ya fir kahen to bhagwan buddha ko gyaan ki prapti kab hui thi ?  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई और कहाँ हुई ? Mahatma Buddh ko Gyan ki Prapti kab aur kahan Hui भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई थी ?  या फिर कोई इसे दूसरे तरीके से ऐसे पूछते हैं...  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब और कहाँ हुई थी?  तो जो पहला सवाल है कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई ?  तो इसका जवाब है भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में हुई थी.  अब आपने तो यह तो जान लिया कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहां हुई थी लेकिन क्या आप यह नहीं जानना चाहेंगे कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई थी यानी कि...  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई थी ?  और उस समय वह कितने वर्ष के थे ?  तो आपकी जानकारी के ...

बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है, Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai

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क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा, बजट को बजट क्यों कहते हैं, भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया, बजट का हलवा समारोह क्या होता है? क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? दोस्तों आज का हमारा ये पोस्ट क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? इसी पर आज हम चर्चा करेंगे. तो आइए जानते हैं क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? टॉपिक्स जिनके बारे में इस पोस्ट में आप जानेंगे क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा?  बजट को बजट क्यों कहते हैं?  भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया?  बजट का हलवा समारोह क्या होता है? बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai तो आइए जानते क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा को, क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? आर्थिक समीक्षा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का फ्लैगशिप वार्षिक दस्तावेज होता है. इसे देश की अर्थव्यवस्था पर बजट पूर्व रिपोर्ट कार्ड भी कहा जा सकता है. देश की पहली आर्थिक समीक्षा सन् 1950 में पेश की गई थी. सन् 1964 के पहले तक इसे बजट के साथ ही रखा जाता था. वर्ष 1964 से इसे हर स...

Gate Exam 2022 full information in hindi

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ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) 2022 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है. गेट स्कोर से इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, आर्किटेक्चर साइंस के क्षेत्र में उच्च शिक्षा में प्रवेश, स्कॉलरशिप एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों में जॉब पाने की राह बनती है, तो चलिए जानते हैं इस परीक्षा से जुड़ी कुछ अहम जानकारी...  गेट में ज्यादा score आने से क्या होता है, गेट परीक्षा देने के फायदे, गेट परीक्षा क्या होता है, गेट परीक्षा किसके लिए होता है और यह कौन लोग दे सकते हैं, गेट परीक्षा में अच्छे नंबर लाने से क्या होता है.  Gate Exam 2022 full information in hindi गेट के स्कोर से भविष्य को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है : आईआईटी (IIT) समेत देश के अन्य शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों (Engg. Colleges) में मास्टर व पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले एवं सरकारी स्कॉलरशिप व अप्रेंटिसशिप की योग्यता प्रदान करने के लिए आयोजित होने वाली ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग यानी Gate 2022 परीक्षा के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं. इस वर्ष गेट परीक्षा का आयोजन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी खड़गपुर...

हिंदी भाषा में कैरियर बनाना कैसा है ? Hindi bhasha mein carrier

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हिंदी भाषा में पढ़ाई करने पर क्या स्कोप है, हिंदी भाषा में पढ़ाई करने के फायदे : सितंबर का महीना हिंदी भाषा के लिए खास होता है. इस महीने कि 14 तारीख को हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी बोलने पढ़ने वाले यूं तो इस भाषा (Hindi) को अपनी अस्मिता से जोड़कर देखते हैं. लेकिन जब शिक्षा और कैरियर के लिहाज से हिंदी की बात आती है, तो थोड़ा ठिठक जाते हैं. जबकि वैश्वीकरण के बाद से ही हिंदी में लगातार नई संभावनाएं जन्मी है.  आज हिंदी भाषा (Hindi Language) में कैरियर बनाने के बेहतरीन विकल्प मौजूद है. हिंदी भाषा में गहरी रूचि (Interest) रखने वाले छात्र हिंदी में मौजूद कैरियर राहों के बारे में जानकर एक बेहतर कल की नीव रख सकते हैं. तो चलिए जानते हैं हिंदी भाषा की संभावनाओं के बारे में.  हिंदी भाषा में कैरियर बनाना कैसा है ? Hindi bhasha mein carrier हिंदी भाषा में कैरियर बनाना कैसा है Hindi bhasha mein carrier हिंदी भाषा में कैरियर बनाना कैसा है ? हिंदी हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हिंदी सिनेमा की दुनिया भर में लोकप्रियता है. हिंदी भाषा में बड़े पैमाने पर TV सीरियल और Web Ser...