बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है, Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai
क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा, बजट को बजट क्यों कहते हैं, भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया, बजट का हलवा समारोह क्या होता है?
क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ?
दोस्तों आज का हमारा ये पोस्ट क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? इसी पर आज हम चर्चा करेंगे. तो आइए जानते हैं क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ?
टॉपिक्स जिनके बारे में इस पोस्ट में आप जानेंगे
- क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा?
- बजट को बजट क्यों कहते हैं?
- भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया?
- बजट का हलवा समारोह क्या होता है?
तो आइए जानते क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा को, क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ?
क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ?
आर्थिक समीक्षा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का फ्लैगशिप वार्षिक दस्तावेज होता है. इसे देश की अर्थव्यवस्था पर बजट पूर्व रिपोर्ट कार्ड भी कहा जा सकता है. देश की पहली आर्थिक समीक्षा सन् 1950 में पेश की गई थी. सन् 1964 के पहले तक इसे बजट के साथ ही रखा जाता था. वर्ष 1964 से इसे हर साल आम बजट से एक दिन रखे जाने की परंपरा शुरू हुई. इसे केंद्रीय वित्तमंत्री संसद में पेश करते हैं.
इसमें गुजरे 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में आये घटनाक्रमों की समीक्षा होती है. प्रमुख विकास कार्यक्रमों के निष्पादन का सार होता है और सरकार की नीतिगत पहलों तथा अल्पावधि से मध्यावधि में अर्थव्यवस्था की संभावनाओं पर रोशनी डाली जाती है. यह रिपोर्ट निम्नांकित मामलों का सिंहावलोकन करती है- आर्थिक दृष्टिकोण, संभावनाएं और नीतिगत चुनौतियां और राजकोषीय रूपरेखा. यह दस्तावेज नीति निर्धारकों, अर्थशास्त्रियों, नीति विश्लेषकों, व्यवसायियों, सरकारी एजेंसियों, छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, मीडिया तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में रुचि रखनेवालों के लिए उपयोगी होता है.
अब क्योंकि हम बात कर रहें हैं, क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? तो यह भी जरूरी है कि हम यह भी चर्चा करें की बजट को बजट ही क्यों कहते हैं? तो आइए यह भी जान लेते हैं कि बजट को बजट क्यों कहते हैं?
बजट को बजट क्यों कहते हैं?
'बजट' शब्द ब्रिटिश संसद से आया है. सन् 1733 में जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री (चांसलर ऑफ एक्सचेकर) रॉबर्ट वॉलपोल संसद में देश की माली हालत का लेखा-जोखा पेश करने आये, तो अपना भाषण और उससे संबद्ध दस्तावेज चमड़े के एक बैग (थैले) में रख कर लाये. चमड़े के बैग को फ्रेंच भाषा में बुजेट कहा जाता है.
बस, इसीलिए इस परंपरा को पहले बुजेट और फिर कालांतर में बजट कहा जाने लगा. जब वित्त मंत्री चमड़े के बैग में
दस्तावेज लेकर वार्षिक लेखा-जोखा पेश करने सदन में
पहुंचते तो सांसद कहते - 'बजट खोलिए, देखें इसमें क्या
है.' या 'अब वित्त मंत्री जी अपना बजट खोलें.' इस तरह
'बजट' नामकरण साल-दर-साल मजबूत होता गया.
अब जबकि बजट का बात हो ही रहा है, तो क्यों नहीं हम बजट को थोड़ा गहराई से जानें, तो फिर देर किस बात की आइए हम यह भी जानते हैं कि भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था ?
भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया?
देश का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को आरके शण्मुगम चेट्टी ने पेश किया था. वे देश के पहले वित्तमंत्री थे और इस पद पर सन् 1949 तक रहे.
अगर आपको बजट के बारे में थोड़ा बहुत भी ज्ञान होगा तो आप कभी न कभी बजट का हलवा समारोह जरूर सुना होगा, तो क्या होता है बजट का हलवा समारोह? आइए इसे भी जान लेते हैं कि बजट का हलवा समारोह क्या होता है?
बजट का हलवा समारोह क्या होता है?
यह बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले की एक रस्म है. भारत में हर शुभ काम मीठे के साथ शुरू होता है, वैसा ही इसके साथ है. परंपरा के मुताबिक हलवा खुद वित्त मंत्री बजट से जुड़े सभी लोगों को बांटते हैं. इस रस्म के तहत एक बड़ी सी कढ़ाई में हलवा तैयार किया जाता है, जिसे मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है. हलवा बांटे जाने के बाद मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारियों और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है.
हलवा समारोह के बाद ‘लॉक इन' बजट तैयार करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए ऐसा किया जाता है. ये कर्मचारी बजट बनाने से लेकर उसकी छपाई तक की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं. लोकसभा में बजट पेश किये जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकते. इस रस्म के बाद मंत्रालय के केवल वरिष्ठतम अधिकारी ही अपने घर जा पाते हैं. इस साल हलवा समारोह 19 जनवरी को हुआ.
बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है, Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai
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