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मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, Maurya samrajya in Hindi

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मौर्य साम्राज्य इन हिंदी मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य का इतिहास , मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य नोट्स, मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था   मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था. मौर्य साम्राज्य का इतिहास maurya samrajya in hindi मौर्य साम्राज्य का इतिहास मौर्य साम्राज्य इन हिंदी मौर्य साम्राज्य इन हिंदी, मौर्य साम्राज्य की स्थापना, मौर्य साम्राज्य नोट्स, मौर्य साम्राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य का जन्म 345 ईसा पूर्व में हुआ था । जस्टिन ने चन्द्रगुप्त मौर्य को सेन्ड्रोकोटूटस कहा है , जिसकी पहचान विलियम जोन्स ने चन्द्रगुप्त मौर्य से की है। विशाखदत्त कृत मुद्राराक्षस में चन्द्रगुप्त मौर्य के लिए वृष ( आशय - निम्न कुल में उत्पन्न ) शब्द का प्रयोग किया गया. घनानंद को हराने में चाणक्य ( कौटिल्य / विष्णुगुप्त ) ने चन्द्रगुप्त मौर्य की मदद की थी , जो बाद में चन्द्रगुप्त का प्रधानमंत्री बना ।  इसके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थशास्त्र है , जिसका संबंध राजनीति से...

अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय, ashok ke pramukh shilaalekh evam unmen varnit vishay

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अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय, ashok ke pramukh shilaalekh evam unmen varnit vishay अशोक के प्रमुख शिलालेख एवं उनमें वर्णित विषय के बारे में जानिये?  पहला शिलालेख :   इसमें पशुबलि की निंदा की गयी है ।  दूसरा शिलालेख : इसमें अशोक ने मनुष्य एवं पशु दोनों की चिकित्सा व्यवस्था का उल्लेख किया है ।  तीसरा शिलालेख :  इसमें राजकीय अधिकारियों को यह आदेश दिया गया है कि वे हर पाँचवें वर्ष के उपरान्त दौरे पर जाएँ । इस शिलालेख में कुछ धार्मिक नियमों का भी उल्लेख किया गया है ।  चौथा शिलालेख :  इस अभिलेख में भेरीघोष की जगह धम्मघोष की घोषणा की गयी है ।  पाँचवाँ शिलालेख :   इस शिलालेख में धर्म - महामात्रों की नियुक्ति के विषय में जानकारी मिलती है ।  छठा शिलालेख :   इसमें आत्म - नियंत्रण की शिक्षा दी गयी है । सातवाँ एवं आठवाँ शिलालेख :   इनमें अशोक की तीर्थ यात्राओं का उल्लेख किया शिलालेख गया है ।  नौवाँ शिलालेख :   इसमें सच्ची भेंट तथा सच्चे शिष्टाचार का उल्लेख किया गया है ।  style="text-align: left;"> दसवाँ शिलाल...

भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई और कहाँ हुई ? Mahatma Buddh ko Gyan ki Prapti kab aur kahan Hui

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दोस्तों आज के इस पोस्ट की मदद से मैं आपको भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े  समान्य ज्ञान  के कुछ प्रशन का जवाब बताने वाला हूँ जो बहुत से प्रतियोगिता परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।  bhagwan buddha ko gyaan ki prapti kahan hui ? ya fir kahen to bhagwan buddha ko gyaan ki prapti kab hui thi ?  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई और कहाँ हुई ? Mahatma Buddh ko Gyan ki Prapti kab aur kahan Hui भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई थी ?  या फिर कोई इसे दूसरे तरीके से ऐसे पूछते हैं...  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब और कहाँ हुई थी?  तो जो पहला सवाल है कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई ?  तो इसका जवाब है भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में हुई थी.  अब आपने तो यह तो जान लिया कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहां हुई थी लेकिन क्या आप यह नहीं जानना चाहेंगे कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई थी यानी कि...  भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कब हुई थी ?  और उस समय वह कितने वर्ष के थे ?  तो आपकी जानकारी के ...

बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है, Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai

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क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा, बजट को बजट क्यों कहते हैं, भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया, बजट का हलवा समारोह क्या होता है? क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? दोस्तों आज का हमारा ये पोस्ट क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? इसी पर आज हम चर्चा करेंगे. तो आइए जानते हैं क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? टॉपिक्स जिनके बारे में इस पोस्ट में आप जानेंगे क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा?  बजट को बजट क्यों कहते हैं?  भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया?  बजट का हलवा समारोह क्या होता है? बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा क्या होता है Budget purv Arthik Samiksha Kya Hota hai तो आइए जानते क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा को, क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? क्या है बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा ? आर्थिक समीक्षा भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का फ्लैगशिप वार्षिक दस्तावेज होता है. इसे देश की अर्थव्यवस्था पर बजट पूर्व रिपोर्ट कार्ड भी कहा जा सकता है. देश की पहली आर्थिक समीक्षा सन् 1950 में पेश की गई थी. सन् 1964 के पहले तक इसे बजट के साथ ही रखा जाता था. वर्ष 1964 से इसे हर स...

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार इन हिन्दी super 30 Ke sansthapak Anand Kumar in Hindi

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सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के बारे में कौन है सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार  ?  सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार इन हिन्दी super 30 Ke sansthapak Anand Kumar in Hindi सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार इन हिन्दी  : आज हम आपको भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ , शिक्षाविद् आनंद कुमार से मिलवाते हैं । उनका जन्म 01 जनवरी , 1973 को पटना , बिहार में हुआ था । आनंद कुमार ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की । वहीं पर उन्हें गणित से अत्यधिक लगाव हो गया ।  सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार इन हिन्दी super 30 Ke sansthapak Anand Kumar in Hindi सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार इन हिन्दी super 30 Ke sansthapak Anand Kumar in Hindi सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के बारे में हिंदी में जानिये?  स्नातक की शिक्षा के दौरान उन्होंने संख्या सिद्धांत पर कुछ पेपर जमा किए , जिन्हें मैथमैटिकल स्पेक्ट्रम तथा द मैथमैटिकल गजट में प्रकाशित किया गया । उनकी योग्यता से उनका दाखिला कैंब्रिज विश्वविद्यालय में भी हो गया था , लेकिन अचानक पिता की मृत्यु व खराब आर्थिक स्थिति के कारण वे वहाँ पढ़ने न जा सके । लेकिन उनक...

भटिंडा जलप्रपात इन हिन्दी, Bhatinda jalprpat in Hindi

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भटिंडा जलप्रपात इन हिन्दी : धनबाद स्टेशन से लगभग 14 किमी की दूरी पर स्थित इस जलप्रपात का सुंदर नजारा पर्यटकों को मोहित करता है .  भटिंडा जलप्रपात इन हिन्दी, Bhatinda jalprpat in Hindi भटिंडा जलप्रपात (fall) के बारे में जानिये : पेड़ - पौधे , पर्वत - नाले एवं झरने प्रकृति की खूबसूरती को तो बढ़ाते ही हैं , व्यक्ति के तन - मन को भी प्रफुल्लित करते हैं । किसी हरियाली वाले स्थान पर यदि कहीं से कोई झरना निकलता हुआ नजर आ जाए तो फिर कहना ही क्या ? झरने गर्मी में शीतलता प्रदान करते हैं और उनकी कल - कल करती ध्वनि तनाव को दूर करती है ।  भटिंडा जलप्रपात इन हिन्दी Bhatinda jalprpat in Hindi भटिंडा जलप्रपात इन हिन्दी ; भटिंडा फॉल ऐसा ही एक झरना है । यह हरे - भरे स्थान पर है । धनबाद से बोकारो जाने के रास्ते में मुनीडीह खान के पास जंगल में यह जलप्रपात है । धनबाद स्टेशन से लगभग 14 किमी . की दूरी पर स्थित इस जलप्रपात का सुंदर नजारा पर्यटकों को मोहित करता है । इस जलप्रपात को देखने के लिए पूरे वर्ष पर्यटक दूर - दूर से आते हैं , बरसात के मौसम की समाप्ति के साथ ही यहाँ पर आने वाले पर्यटकों की संख्य...

परम वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार संजय कुमार

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परम वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार संजय कुमार परम वीर चक्र से सम्मानित सूबेदार संजय कुमार के बारे में जानिये?  परम वीर चक्र वीरता का सर्वोच्च पुरस्कार है । यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले शूरवीर निस्संदेह सही मायनों में विजेता होते हैं , क्योंकि वे अपना सर्वस्व समर्पित कर मातृभूमि की रक्षा करते हैं । सूबेदार संजय कुमार भी ऐसे ही भारतीय सेना के एक बहादुर सिपाही हैं । उनका जन्म 3 मार्च , 1976 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कलोल बल्किन ग्राम में हुआ ।  वे सेना में शामिल होना चाहते थे । सेना में शामिल होने से पहले उन्होंने दिल्ली में टैक्सी चालक का काम भी किया था । सेना में भर्ती होने से पहले उन्हें तीन बार अस्वीकृति का सामना भी करना पड़ा था । लेकिन उनके हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने हार नहीं मानी और आखिर अपनी वीरता एवं जज्वे से सेना में शामिल होने के सपने को वास्तविकता में पूर्ण कर लिया ।  वे 4 व 5 जुलाई , 1999 को कारगिल में मस्को वैली पॉइंट 5875 पर फ्लैट टॉप पर 11 साथियों के साथ तैनात थे । यहाँ शत्रु ऊपर पहाड़ी से हमला कर रहा था । इस टीम में उनके 11 साथियों में से दो...

जगुआर के बारे में हिंदी में जानिये?

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Jaguar Jungali janwar Kaisa Hota Hai जगुआर के बारे में जानिये : आपने बाघ , तेंदुआ अवश्य देखा होगा । उन्हीं की तरह दिखने वाला एक और जीव होता है , जिसे जगुआर के नाम से जाना जाता है । जगुआर फेलिडाए कुल का एक शिकारी मांसाहारी जानवर है । यह सिंह और बाघ के बाद बिल्ली कुल का तीसरा सबसे बड़ा और पृथ्वी के पश्चिमी गोलार्ध का पहला सबसे बड़ा सदस्य जानवर है । इसका निवास क्षेत्र उत्तर में संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ दक्षिणी हिस्सों से लेकर दक्षिण में अर्जेंटीना के उत्तरी हिस्सों तक है ।  Jaguar Janwar ke bare mein Hindi mein janiye जगुआर देखने में कुछ - कुछ तेंदुआ जैसा लगता है । परंतु इसका शरीर तेंदुए से अधिक बड़ा और शक्तिशाली होता है । यह अधिकतर तेंदुए और बाघ की शैली के अनुरूप ही अपना जीवनयापन करता है । इसको वनों में रहना अधिक पसंद है । लेकिन यह मैदानी और झाड़ वाले इलाकों में भी नजर आ जाता है । इसे पानी प्रिय होता है , इसलिए यह पानी के आसपास रहना अधिक पसंद करता है ।  जगुआर भी बाघ की भाँति तैरना जानता है । शिकार करते समय इसे अकेले रहना पसंद है । जगुआर को देखते ही छोटे जीव - जंतु भागना श...

बेसबॉल के बारे में हिंदी में जानिये?

Baseball Khel ke bare mein janiye बेसबॉल के बारे में जानिये : खेल बच्चों एवं बड़ों को सबको प्रिय लगते हैं । अब वह जमाना गया , जब कहते थे कि ' पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब , खेलोगे कूदोगे होगे खराब । ' अब तो अधिकतर युवाओं ने खेलों में न केवल अपना नाम कमाया है , अपितु देश का नाम भी बढ़ाया है । बेसबॉल एक बल्ले एवं गेंद से खेला जाने वाला अमेरिकी खेल है ।  Baseball Khel in Hindi इस खेल को 1846 में इंग्लैंड में सबसे पहले खेला गया था , लेकिन इसको वास्तविक रूप कुछ परिवर्तन करने के बाद उत्तरी अमेरिका ने दिया । 19 वीं शताब्दी के अंत में यह संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय खेल बन गया । बेसबॉल तब उत्तरी अमेरिका , सेंट्रल और दक्षिण अमेरिका , कैरेबिया और ईस्ट एशिया में खेला जाता था । धीरे - धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई और इसे ओलंपिक में भी स्थान मिल गया ।  यह गर्मियों के ओलंपिक में खेला जाता है । इसमें एक विशेष प्रकार के बैट और बॉल का प्रयोग किया जाता है । बैट रॉड की तरह होता है और बॉल को इससे हिट किया जाता है । यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है । एक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं । एक टीम ब...

हुगली नदी इन हिन्दी, Hugli Nadi in Hindi

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हुगली नदी इन हिन्दी, Hugli Nadi in Hindi Hugli Nadi ke bare mein Hindi mein janiye  कोलकाता और हावड़ा की लाइफलाइन हुगली नदी : नदियाँ देश व राज्य के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती हैं । देश के विभिन्न राज्यों में स्थित नदियाँ जीवकोपार्जन रोजगार एवं अन्य जीवन उपयोगी वस्तुओं का आधार होती हैं । हुगली भारत की एक ऐसी ही नदी है , जो वहाँ के जन - जीवन के साथ - साथ संपूर्ण भारत के लोगों के जीवन को सार्थक और समृद्ध करती है ।  हुगली नदी इन हिन्दी, Hugli Nadi in Hindi हुगली नदी इन हिन्दी, Hugli Nadi in Hindi यह गंगा नदी की सहायक नदी है । यह मुर्शिदाबाद जिले में गंगा से अलग होकर डायमंड हार्बर के पास बंगाल की खाड़ी में गिरती है । इसके तट पर कोलकाता बंदरगाह स्थित है , जिसे पूर्व का लंदन ' कहा जाता है । यह पश्चिम बंगाल राज्य पूर्वोत्तर भारत में स्थित है । यह गंगा की एक धारा है , जो कोलकाता को बंगाल की खाड़ी से जोड़ती है । यह नवद्वीप के पास भागीरथी और जलागि नदियों के मेल से बनती है ।  वहाँ से हुगली सामान्यतः दक्षिण दिशा में सघन और औद्योगिक क्षेत्र से होती हुई लगभग 260 किमी . दूर बंगाल की ...

भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील

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भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, Bharat Ki Sabse Badi Khare Pani Ki jhil भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील हमारे देश में अनेक झीलें पाई जाती हैं । सांभर झील देश की सबसे बड़ी लवण जल अर्थात् खारे पानी की झील है । यह भारत के राजस्थान राज्य में जयपुर नगर के समीप स्थित है । इसे ' राजस्थान की साल्ट लेक ' भी कहा जाता है , क्योंकि यह झील नमक का सबसे बड़ा स्रोत है ।  Bharat Ki Sabse Badi Khare Pani Ki jhil भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर झील इन हिन्दी इस झील से बड़े पैमाने पर नमक का उत्पादन किया जाता है । अनुमान है कि अरावली के शिष्ट और नाइस के गर्मों में भरा हुआ गाद ही नमक का स्रोत है । गाद में स्थित विलयशील सोडियम यौगिक वर्षा के जल में घुलकर नदियों द्वारा झील में पहुँचता है और जल के वाष्पन के पश्चात् झील में नमक के रूप में रह जाता है ।  इस झील से नमक उत्पादन हेतु ' सांभर ' नामक परियोजना भी चलाई जा रही है । यह झील समुद्र तल से 1,200 फीट की ऊँचाई पर स्थित है । जब यह भरी रहती है , तब इसका क्षेत्रफल 90 वर्ग मील रहता है । इसमें चार नदियाँ रूपनगर , मेंथा , ...

एलोवेरा इन हिन्दी, aloevera in Hindi

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एलोवेरा इन हिन्दी, aloevera in Hindi एलोवेरा के बारे में जानिये : एलोवेरा वृक्ष एवं पौधे जीवनदाता हैं । यदि पृथ्वी पर वृक्षों एवं पौधों का अस्तित्व न हो तो जीव जगत का नामोनिशान मिट जाए । सभी पेड़ - पौधे बेहद महत्त्वपूर्ण होते हैं और विभिन्न गुणों का समावेश किए हुए होते हैं । एलोवेरा भी एक ऐसा ही पौधा है । इसे क्वारगंदल या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है । यह औषधीय पौधे के रूप में भी प्रसिद्ध है ।  इसकी उत्पत्ति संभवतः उत्तरी अफ्रीका में हुई है । यह प्रजाति विश्व के अन्य स्थानों पर स्वाभाविक रूप से नहीं पाई जाती , पर इसके निकट संबंधी उत्तरी अफ्रीका में पाए जाते हैं । यह मुख्यतः अल्जीरिया , मोरक्को , ट्यूनीशिया के साथ कैनेरी द्वीप और माडियरा द्वीपों से संबंधित है । अब इसे पूरे विश्व में उगाया जाता है । इसे हर स्थान पर औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है ।  इस प्रजाति को शीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों , जैसे - ऑस्ट्रेलिया , बारबाडोस , बेलीज , नाइजीरिया , संयुक्त राज्य अमेरिका में सफलतापूर्वक उगाया जाता है । इसका उल्लेख आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है । एलोवेरा...

कार्बन डाइ ऑक्साइड इन हिन्दी, carbon dioxide in Hindi

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कार्बन डाइ ऑक्साइड इन हिन्दी, carbon dioxide in Hindi कार्बन डाइ-ऑक्साइड के बारे में जानिये : कार्बन डाइ-ऑक्साइड के बारे में जानिए एक CO र्बन डाइ - ऑक्साइड एक रंगहीन , गंधहीन , यह वायु की अपेक्षा डेढ़ गुना भारी है । सामान्य स्थिति में यह एक स्थिर , निष्क्रिय तथा गैर - जहरीली गैस है । जब कार्बनिक पदार्थों का क्षय होता है तो विखंडन की प्रक्रिया में कार्बन डाइ - ऑक्साइड उत्पन्न होती है । विभिन्न प्राणी साँस के रूप में कार्बन डाइ - ऑक्साइड बाहर निकालते हैं ।  कार्बन डाइ ऑक्साइड इन हिन्दी, carbon dioxide in Hindi कुछ मात्रा में यह जल में भी घुली रहती है । अन्य तत्त्वों आदि के साथ संयुक्त होकर यह अनेक खनिज पदार्थों का निर्माण भी करती है । जिनमें सोडियम कार्बोनेट , कैल्सियम कार्बोनेट आदि प्रमुख हैं । प्रकृति में ये कार्बोनेट विघटित होते रहते हैं और कार्बन डाइ - ऑक्साइडकाही उपयोग करते हैं । वायुमंडल में कार्बन डाइ - ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से स्थानीय एवं संपूर्ण पृथ्वी की जलवायु में परिवर्तन आता है ।  यह भी माना जाता है कि इसकी मात्रा बढ़ने से औसत तापमान में वृद्धि होती है । वैसे इ...

मोहम्मद हसन ने बनाया स्मार्ट डस्टबिन ?

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मोहम्मद हसन ने बनाया स्मार्ट डस्टबिन : स्वच्छ भारत अभियान ने प्रत्येक भारतीय को न केवल स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया है , बल्कि इस बात के लिए भी प्रेरित किया है कि देशवासी समाज एवं पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में पूर्ण योगदान दें । इसके लिए विद्यार्थी उत्साह के साथ काम कर रहे हैं । ऐसे ही एक विद्यार्थी हैं - मोहम्मद हसन । आप उनकी उम्र सुनेंगे तो और भी दंग रह जाएँगे ।  वे अभी केवल 12 साल के हैं , लेकिन इतनी कम आयु में ही उन्होंने एक स्मार्ट डस्टबिन बनाया है । मोहम्मद हसन के द्वारा बनाए गए इस डस्टबिन की खास बात यह है कि कचरा भर जाने पर यह खाली करने के लिए अलर्ट ANI भेजता है । इसे वाई फाई से कनेक्ट किया जा सकता है । हसन को इस डस्टबिन को बनाने का आइडिया स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े एक वीडियो को देखकर ही आया था ।  इस डस्टबिन में अल्ट्रासोनिक सेंसर लगे हैं , जो यह पता लगाते हैं कि कचरा कितना भरा है । इसका विश्लेषण करने के बाद सेंसर डस्टबिन में लगी एलसीडी में जानकारी भेजते हैं । कूड़े से भर जाने पर डस्टबिन सीधे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को कचरा उठाने के लिए संदेश भेजता है । ह...

विश्व का सबसे बड़ा स्तूप केसरिया बौद्ध स्तूप ?

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विश्व का सबसे बड़ा स्तूप केसरिया बौद्ध स्तूप केसरिया बौद्ध स्तूपस्तूप के बारे में : भारत के प्रत्येक राज्य में ऐतिहासिक धरोहर स्थित हैं , जो देश की खूबसूरती को बढ़ाती हैं । बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के अंतर्गत केसरिया नामक स्थल में मौजूद केसरिया स्तूप एक प्राचीन धरोहर हैं , जो विश्व के सबसे बड़े प्राचीन बौद्ध स्तूप के नाम से प्रसिद्ध है । इतिहास और कला की दृष्टि से यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थल है । इस स्तूप को महान सम्राट अशोक ने बनवाया था ।  यह विशाल स्तूप तीसरी शताब्दी से संबंध रखता है । यह स्तूप महात्मा बुद्ध को समर्पित है । इस स्तूप का निर्माण 200 ई . और 700 ई . के बीच में हुआ था । महात्मा बुद्ध जब महापरिनिर्वाण ग्रहण करने कुशीनगर जा रहे थे तो वे एक दिन के लिए केसरिया में ठहरे थे । जिस स्थान पर वे ठहरे थे , उसी स्थान पर कुछ समय बाद सम्राट अशोक ने स्मृति के रूप में स्तूप का निर्माण कराया था ।  इसे विश्व का सबसे बड़ा स्तूप माना जाता है । वर्तमान में यह स्तूप 1400 फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है । यह स्तूप आठ मंजिलों में विभक्त है । पहली मंजिल से लेकर सातवीं मंजिल तक एक क्...

नागपुरी साहित्य के बारे में जानिये?

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झारखंड का साहित्य नागपुरी साहित्य,  दोस्तों आज इस आर्टिकल की मदद से मैं आपको नागपुरी साहित्य के बारे में बताने जा रहा हूं मुझे उम्मीद है कि नागपुरी साहित्य  पर लिखी गई यह पोस्ट की मदद से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा..  नागपुरी साहित्य के बारे में जानिये : नागपुरी भाषा के उद्भव से संबंधित विषय पर विद्वानों का अलग - अलग मत रहा है । सर जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने अपने ग्रंथ ' द लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इंडिया ' में नागपुरी को भोजपुरी की एक उप बोली कहा है । प्रोफेसर केसरी कुमार सिंह ने अपने आलेख ' नागपुरी भाषा एवं साहित्य ' में मगही और मैथिली की तरह नागपुरी को भी मागधी अपभ्रंश से प्रसूत एक निश्चित भाषा कहा है ।  और भी पढ़ें :  डॉ . श्रवण कुमार गोस्वामी ने अपने शोध ' नागपुरी शिष्ट साहित्य ' में नागपुरी को आर्यभाषा परिवार की औरस ' संतान मानते हुए इसे अर्धमागधी अपभ्रंश से उत्पन्न माना है । नागपुरी भाषा झारखंड के राँची , लोहरदगा , गुमला , सिमडेगा , सिंहभूम , लातेहार तथा छत्तीसगढ़ के जसपुर सरगुजा , कोरवा एवं उड़ीसा के सुंदरगढ़ , क्योंझर एवं बारीपदा जिलों में तथा अ...

पाकुड़ जिला इन हिन्दी, Pakur Jila in Hindi

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पाकुड़ जिला इन हिन्दी, Pakur Jila in Hindi पाकुड़ जिला के बारे में जानिये पाकुड़ भारत के झारखंड राज्य में स्थित एक जिला है । यह झारखंड राज्य के उत्तर पूर्वी छोर पर स्थित जिला संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आता है । पाकुड़ शहर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है । पहले यह साहिबगंज जिले का भाग था ।  वर्ष 1994 में इसे साहिबगंज से अलग करके एक स्वतंत्र जिला बनाया गया । इस जिले की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है । इस जिले की अर्थव्यवस्था कृषि , वन , पशुपालन , खनिज और उद्योग पर आधारित है । यहाँ की मुख्य अर्थव्यवस्था खेती पर ही आधारित है । इस जिले में धान , मक्का , गेहूँ , दलहन , तिलहन , जूट , गन्ना , प्याज , आलू और सब्जियाँ उगाई जाती हैं । यहाँ के वन - उत्पाद कटहल , सेमल , अर्जुन और बाँस हैं ।  पाकुड़ जिला इन हिन्दी, Pakur Jila in Hindi यहाँ पर अधिकतर लोग पशु पालते हैं , ताकि पशुओं के माध्यम से उनकी आय अच्छी हो सके । पाकुड़ में ब्लैक स्टोन , फायर क्ले , ग्रेनाइट , कोयला , चीनी मिट्टी , सिलिका और पत्थर आदि पाए जाते हैं । यहाँ पर कोयले का खनन होता है । यहाँ के लोग अपनी जीविका के लिए स्टोन चि...

डॉक्टर शंकर अबाजी भिसे इन हिन्दी

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डॉक्टर शंकर अबाजी भिसे इन हिन्दी डॉक्टर शंकर आबाजी भिसे भारत के एक महान वैज्ञानिक एवं किए । उन्हें ' भारत का एडीसन ' के नाम से भी जाना जाता है । । उन्होंने लगभग 40 आविष्कारों पर पेटेंट लिया था । डॉक्टर शंकर अबाजी भिसे का जन्म 29 अप्रैल , 1867 को मुंबई में हुआ था ।  बचपन से ही उन्हें विज्ञान से काफी लगाव था । वे समय मिलने पर कुछ - न - कुछ करते रहते थे । केवल 14 साल की आयु में ही उन्होंने अपने घर में ही कोयला गैस बनाने वाले उपकरण का निर्माण किया । 16 साल की आयु में उन्होंने आविष्कार के लिए इंग्लैंड या अमेरिका जाने का फैसला किया ।  1890-95 के दौरान उन्होंने ऑप्टिकल इल्यूजन पर कार्य किया । उन्होंने एक ठोस पदार्थ के दूसरे ठोस पदार्थ में परिवर्तित होने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया । अल्फ्रेड नामक वैज्ञानिक ने उनके आविष्कार की सराहना की और उन्हें ' गोल्ड मेडल ' से सम्मानित किया गया । मुंबई में उन्होंने एक साइंस क्लब ' की स्थापना की ।  उन्होंने विज्ञान - पत्रिका विविध कला प्रकाश ' का प्रकाशन मराठी भाषा में भी किया । इस पत्रिका के द्वारा वे लोगों को सरल भाषा में विज्...

माल पहाड़िया जनजाति इन हिन्दी, Mal Pahadiya janjati in Hindi

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माल पहाड़िया जनजाति इन हिन्दी, Mal Pahadiya janjati in Hindi माल पहाड़िया जनजाति के बारे में जानिये : पहाड़िया जाति को दो प्रमुख शाखाओं में से एक माल पहाड़िया है । दूसरी शाखा को सौरिया पहाड़िया ' या दो ' मलेर ' कहा जाता है । प्रजातीय दृष्टि से माल पहाड़िया को प्रोटो - ऑस्ट्रोलॉयड समूह में रखा जाता है । इनकी भाषा को ' मालतो ' कहा जाता है , जो द्रविड़ परिवार की भाषा मानी जाती है ।  माल पहाड़िया मुख्य रूप से संथाल परगना के दुमका , जामताड़ा , गोड्डा , देवघर , पाकुड़ आदि जिलों में निवास करते हैं । माल पहाड़िया मुख्य रूप से खेती , लघु वन पदार्थों का संग्रह , मजदूरी आदि का कार्य करते हैं । ये झूम या कुरवा खेती भी करते हैं ।  माल पहाड़िया अपनी भूमि को चार श्रेणी में बाँटते हैं - सेम , टिकुर , डेम और घर - बाड़ी । ' सेम ' भूमि काफी उपजाऊ होती है । टिकुर ' कम उपजाऊ जमीन है । इन दोनों के बीच की भूमि ' डेम ' भूमि कहलाती है । ' बाड़ी ' भूमि घर से सटे ' किचेन गार्डन ' है , जहाँ सब्जी उगाई जाती है । माल पहाड़िया में गोत्र नहीं पाया जाता है । ...

शहीद दिवस इन हिन्दी निबंध, Shahid Diwas in Hindi nibandh 2022

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शहीद दिवस इन हिन्दी निबंध, Shahid Diwas in Hindi nibandh 2022 शहीद दिवस के बारे में जानिये : विश्व में पूरे साल कुछ महत्त्वपूर्ण दिवस होते हैं । ये महत्त्वपूर्ण दिवस यह बताते कि उन - उन दिन कुछ विशेष घटित हुआ था , जिन्होंने पूरे विश्व में हलचल मचा दी थी । 30 जनवरी का दिन भी विश्व में , खासतौर पर भारत में बेहद चर्चित है , क्योंकि इस दिन ' शहीद दिवस ' मनाया जाता है ।  शहीद दिवस इन हिन्दी निबंध, Shahid Diwas in Hindi nibandh 2022 शहीद दिवस इन हिन्दी निबंध, Shahid Diwas in Hindi nibandh 2022 इस दिवस को ' सर्वोदय दिवस ' के रूप में भी जाना जाता है । महात्मा गांधी स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे । उन्होंने भारत को स्वतंत्र कराने में अहिंसक एवं सत्यवादी तरीके से प्रमुख भूमिका निभाई थी ।  देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए बापू को कई बार जेल जाना पड़ा , कई बार उन्होंने अनशन भी किए , आखिरकार उन्होंने अहिंसक प्रदर्शन से अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया । देश की स्वतंत्रता के बाद देश में नया कानून बना ।  अभी देश स्वतंत्र हुए कुछ ही समय हुआ था कि 30 जनवरी , 1948 को ...