विश्व का सबसे बड़ा स्तूप केसरिया बौद्ध स्तूप ?
विश्व का सबसे बड़ा स्तूप केसरिया बौद्ध स्तूप
केसरिया बौद्ध स्तूपस्तूप के बारे में :
यह विशाल स्तूप तीसरी शताब्दी से संबंध रखता है । यह स्तूप महात्मा बुद्ध को समर्पित है । इस स्तूप का निर्माण 200 ई . और 700 ई . के बीच में हुआ था । महात्मा बुद्ध जब महापरिनिर्वाण ग्रहण करने कुशीनगर जा रहे थे तो वे एक दिन के लिए केसरिया में ठहरे थे । जिस स्थान पर वे ठहरे थे , उसी स्थान पर कुछ समय बाद सम्राट अशोक ने स्मृति के रूप में स्तूप का निर्माण कराया था ।
इसे विश्व का सबसे बड़ा स्तूप माना जाता है । वर्तमान में यह स्तूप 1400 फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है । यह स्तूप आठ मंजिलों में विभक्त है । पहली मंजिल से लेकर सातवीं मंजिल तक एक क्रम में ब्रैकेटनुमा छोटा कमरा बना हुआ है , जिसमें महात्मा बुद्ध की कुछ मूर्तियों के अवशेष आज भी सुरक्षित हैं । स्तूप में लगी इंटें मौर्य कालीन हैं । सभी मूर्तियाँ विभिन्न मुद्राओं में हैं ।
इस स्तूप के संबंध में अलेक्जेंडर कनिंघम ने लिखा है कि केसरिया का यह स्तूप 200 ई . से 700 ई के मध्य कभी बना होगा । इस स्तूप के आसपास के अन्य स्थल भी दर्शनीय हैं । बौद्ध धर्म से जुड़ी अनेक तरह की जानकारी इस स्तूप को देखने पर प्राप्त होती है । विद्यार्थियों एवं उन व्यक्तियों को , जिनकी इतिहास के प्रति रुचि है , इस स्तूप को अवश्य देखना चाहिए ।
इस स्तूप को देखने का आदर्श समय अक्टूबर से लेकर फरवरी माह तक का है । इस दौरान यहाँ पर मौसम अनुकूल बना रहता है । हालाँकि स्तूप को देखने के लिए वर्षभर दूर - दूर से पर्यटक आते हैं । यहाँ पर परिवहन के तीनों साधनों बस , रेल और हवाई जहाज से पहुंचा जा सकता है । यहाँ का निकटवर्ती हवाई अड्डा 120 कि.मी. की दूरी पर स्थित पटना एयरपोर्ट है । यहाँ पर सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग के द्वारा भी पहुंचा जा सकता है । बौद्ध धर्म से जुड़े लोग इस स्थल को बेहद पवित्र मानते हैं |
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