जगुआर के बारे में हिंदी में जानिये?
Jaguar Jungali janwar Kaisa Hota Hai
जगुआर के बारे में जानिये :
आपने बाघ , तेंदुआ अवश्य देखा होगा । उन्हीं की तरह दिखने वाला एक और जीव होता है , जिसे जगुआर के नाम से जाना जाता है । जगुआर फेलिडाए कुल का एक शिकारी मांसाहारी जानवर है । यह सिंह और बाघ के बाद बिल्ली कुल का तीसरा सबसे बड़ा और पृथ्वी के पश्चिमी गोलार्ध का पहला सबसे बड़ा सदस्य जानवर है । इसका निवास क्षेत्र उत्तर में संयुक्त राज्य अमेरिका के कुछ दक्षिणी हिस्सों से लेकर दक्षिण में अर्जेंटीना के उत्तरी हिस्सों तक है ।
Jaguar Janwar ke bare mein Hindi mein janiye
जगुआर देखने में कुछ - कुछ तेंदुआ जैसा लगता है । परंतु इसका शरीर तेंदुए से अधिक बड़ा और शक्तिशाली होता है । यह अधिकतर तेंदुए और बाघ की शैली के अनुरूप ही अपना जीवनयापन करता है । इसको वनों में रहना अधिक पसंद है । लेकिन यह मैदानी और झाड़ वाले इलाकों में भी नजर आ जाता है । इसे पानी प्रिय होता है , इसलिए यह पानी के आसपास रहना अधिक पसंद करता है ।
जगुआर भी बाघ की भाँति तैरना जानता है । शिकार करते समय इसे अकेले रहना पसंद है । जगुआर को देखते ही छोटे जीव - जंतु भागना शुरू कर देते हैं और यह उनका शिकार करता है । इसके जबड़े और दाँत बहुत मजबूत होते हैं , इसलिए यह बड़े - से - बड़े जानवरों को भी अपने भोजन का ग्रास बना लेता है और सहजता से उन्हें पचा लेता है । अपने जबड़ों से यह कठोर - से - कठोर हड्डी को भी काट सकता है और कछुओं की मोटी - से - मोटी खाल को भेद सकता है ।
यह मध्य एवं दक्षिण अमरीका के वर्षावनों और दलदली मैदानों में रहता है । पहले यह पूरे उत्तरी अमेरिका के गर्म इलाकों में पाया जाता था , लेकिन अब वह उत्तरी अमेरिका में केवल मेक्सिको के कुछ भागों में मिलता है । एक वयस्क जगुआर लगभग सात फीट से अधिक लंबा और दो फीट ऊँचा होता है । इसका वजन 100 किलो तक होता है । इसकी खाल चमकीली पीली होती है , जिस पर चकत्तियों के बड़े - बड़े गोल निशान बने होते हैं ।
पूर्णत : काला जगुआर भी कभी - कभी देखने में आता है । इसका सिर बड़ा और कसा हुआ होता है । जगुआर के पैर छोटे , मोटे और मजबूत होते हैं । यह एक खूखार और भयानक जानवर है , हालाँकि यह मनुष्यों पर कम हमला करता है । जगुआर और तेंदुए के शरीर के लगभग समान निशान बने होते हैं , पर जगुआर के शरीर के निशान अधिक बड़े और कम संख्या में होते हैं । जगुआर के निशानों के बीच में भी चकत्तियाँ होती हैं ।
तेंदुए में ऐसा नहीं होता । दिन हो या रात , जल हो या जमीन , जगुआर हर समय और हर स्थान पर शिकार कर सकता है । इसके पसंदीदा शिकार पेक्कारी , जो सुअर की तरह दिखते हैं और कैपीबेरा चूहे के वर्ग का 50 किलो का जानवर प्रमुख हैं । वन्य अवस्था में जगुआर की आयु लगभग 20 वर्ष होती है । आजकल जगुआर संख्या तेजी से कम हो रही है । इनको खत्म होने से बचाने के लिए वन्य - स्थलों का संरक्षण करना जरूरी है । आप भी चिड़ियाघर जाकर जगुआर को देखकर आइएगा ।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें