बंकिमचंद्र चटर्जी इन हिन्दी, bankim chandran chatterjee in hindi

बंकिमचंद्र चटर्जी के बारे में हिन्दी में जानिये :

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बंकिमचंद्र चटर्जी के बारे में जानिए :

दोस्तों, आपको मालूम है कि हमारा राष्ट्रीय गीत ' वंदे मातरम् ' किसने लिखा था ? बंकिमचंद्र चटर्जी ने । 

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बंकिमचंद्र चटर्जी इन हिन्दी bankim chandran chatterjee in hindi

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बंकिमचंद्र चटर्जी इन हिन्दी

बंकिमचंद्र चटर्जी का जन्म : 27 जून , 1838

बंकिमचंद्र चटर्जी की मृत्यु : सन् 1894 में हुई

बंकिमचंद्र चटर्जी का जन्म :

बंकिमचंद्र चटर्जी का जन्म 27 जून , 1838 को कलकत्ता में हुआ था । उनकी शिक्षा वहीं पर हुई । उन्हें पढ़ाई से अधिक खेल - कूद पसंद था । वे बी.ए. की परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास हुए । उनके पिता डिप्टी कलेक्टर थे । पिता की इच्छा थी कि बंकिमचंद्र सरकारी नौकरी में आएँ , इसलिए वे सन् 1858 में डिप्टी मजिस्ट्रेट बन गए । 

सन् 1857 के विद्रोह के दौरान भारत में ब्रिटिश शासन का कार्य भार ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों से महारानी विक्टोरिया के हाथों में आ गया था । अंग्रेजों के अत्याचार देखकर उनका खून खौल उठता था । उन्होंने अपने विद्रोही विचारों को आवाज देने के लिए कलम को अपना हथियार बनाया । 

बंकिमचंद्र चटर्जी एक महान् साहित्यकार ही नहीं बल्कि देशभक्त भी थे । उन्होंने अपने साहित्य में मातृभूमि का वंदन किया और जन - जन को एक सूत्र में बाँधकर स्वतंत्रता के लिए प्रेरित किया । बंकिमचंद्र चटर्जी बँगला लेखक थे । उनका साहित्य बेहद उत्कृष्ट कोटि का है । इसलिए उनकी सभी रचनाओं का बँगला के साथ - साथ हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ।आज भी उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें चाव से पढ़ी जाती हैं । 

बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रमुख रचनाएँ : 

बंकिमचंद्र चटर्जी की प्रमुख रचनाएँ हैं - ' दुर्गेश नंदिनी ' , ' कपाल कुंडला ' , ' आनंद मठ ' , ' मृणालिनी ' , ' विषवृक्ष ' , ' चंद्रशेखर ' , ' इंदिरा ' , ' राजसिंह ' आदि । 

बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपनी रचनाओं में लगभग सभी पात्रों को सदाचारी दिखाया है । इतना ही नहीं बच्चो , उनकी रचनाओं में महिला पात्र भी ओज और वीरता के रस में डूबे हुए हैं । इनकी रचनाएँ पढ़कर लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और अपने देश को आजाद कराने के लिए जी - जान लगा दिया । 

बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपनी लिखी 'आनंद मठ ' में देशभक्ति का आदर्श प्रस्तुत किया गया है । इस उपन्यास की आड़ में भारतीय स्वतंत्रता के युद्ध का शंखनाद भी किया गया है । आनंद मठ ' के संन्यासी पात्र के माध्यम से ' वंदे मातरम् ' का जयघोष किया गया । 

भारत की राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को किसने लिखा था? 
भारत की राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था |

वंदे मातरम् ' शीर्षक से लिखे इस गीत ने राष्ट्रीय गीत'का दर्जा पाकर राष्ट्रीय गौरव प्राप्त किया । कलम की ताकत बहुत प्रभावशाली होती है , इस बात को बंकिमचंद्र चटर्जी की सशक्त लेखनी ने साबित कर दिया । अगर मन में किसी भी बात को ठान लिया जाए तो उसे पूरा करना कतई मुश्किल नहीं होता । 

बंकिमचंद्र चटर्जी ने अपनी लेखनी के माध्यम से आजादी की ऐसी अलख जगाई कि पूरा भारत जाग्रत् होकर एकता के सूत्र में बँध गया । इसलिए भारत 15 अगस्त , 1947 को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हो सका । ऐसे महान् देशभक्त लेखक की मृत्यु सन् 1894 में हुई ।

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